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Currouggregam
कडा एवं अन्यान्य सन्मानों से सम्मानित किया। सेठ निहालचन्दजी अपने पुत्र सागरमलजी को छोड़ वंगवासी हो गए। अल्प समय में
ही आपने कीर्ति का अच्छा अर्जन किया। श्री सागर मलजी भी होनहार युवक हैं। .
वर्तमान में सेठ धनश्यामदासजी उक्त फर्म के मालिक हैं आप बहुत उदार, धर्मप्रेमी तथा दान में रुचि रखने वाले सज्जन हैं । पय पण पर्व के अन्त में आप शिक्षा स्थाओं में यथेष्ट दान देते रहते हैं । प्राचीन पुस्तकों के प्रकाशन में आपकी पूर्ण सहायता रहती है। तत्त्वार्थ सूत्र
का अनुवाद करवाकर सेट घनश्यामदासजी वाकलीवाला
आपने बड़ी संख्या में अमूल्य वितरण करवाया । साखून में अपनी माताजी की स्मृति आपकी
ओर से १२०००) के व्यय से एक स्कूल चल रही है।
सामाजिक सभा, संस्थायें में आपके सहयोग से अपना कार्य करने में समर्थ हो रही है। अ० भा० जैनअनाथाश्रम देहली के श्राप संरक्षक है। एवं दि जैनस्कूल लालगढ़ के आप सभापति हैं । आप उदारदिल समाज सेवक और मिलन सार हैं । आपके होनहार सुपुत्र श्री कन्हैयालाल जी हाई-स्कूल में अध्ययन कर रहे हैं। . ___"शालिग्राम राय चुन्निलाल बहादुर" गोहाटी नामक आपकी फर्म प्रासामकी - श्रीमन्त फर्मो में . भी कंबरीलालजी बाकलीवाल लालगढ़ .
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