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जैन- गौरव स्मृतियाँ
मेरो नम
साथी समाज में पूर्ण पैठ थी एवं मारवाड़ी चैम्बर्स ऑफ कामर्स के सभापति
भी रह चुके थे। दोनों बंधुओं की धार्मिक रुचि प्रशंसनीय थी और व्रतधारी पुरुष थे ।
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- वर्तमान में सेठ नेमीचन्दजी हैं | आप योग्य पिता के योग्य पुत्र हैं । आपकी आयु ४० वर्ष की है अल्पायु में ही आपने वृहद् व्यापार के गुरुतर भार को बड़ी ही योग्यता से सम्भाला और संचालन कर रहे है । ऐश आराम के प्रचुर साधन होने पर भी आपकी सादगी में व्यवधान रूप नहीं बन पाये| यापके जीवन
में धार्मिक भावनायें इतनी घुल
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सेट वृद्धिचन्द्रजी गधड्या हैं । जैनाचार्य श्री तुलसी गरिण द्वारा मानव उत्थान तथा विश्व शान्ति के लिए निर्मित अगुव्रतिसंघ के आप कार्यशील सदस्य तथा ० भा० तेरापन्थी महासभा के कोपाध्यक्ष हैं । सभा के संगठन और सुचारु रूप से चलाने में आप का भी काफी हाथ है। बीकानेर असेम्बली के आप सदस्य रह चुके हैं । १९४७ के अशान्ति वातावरण के समय आप स्था नीय शान्तिकमेटी के प्रधान थे और शान्ति स्थापित करने में असर
मिल गई कि आपके विचारों, कार्यक्रमों तथा वक्तव्य में उसकी झलक स्पष्ट रूप से स्फुटित होती
श्री सेठ नेमीचंदजीगधइया