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S जैनगौरव-स्मृतियाँ
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( ४ ) गिरनार पर रथनेमि की गुफा आदि अनेक गुफाएँ हैं ।
( ४ ) अजन्ता की गुफाएँ :- यहां की गुफाएँ विश्वविख्यात हैं । ईसवी सन पूर्व की गुफाएँ भी यहां हैं । यहाँ की शिल्पकला और चित्रकला अत्यन्त सुन्दर है । यहाँ की गुफाएँ अधिकतर बौद्ध हैं । यहाँ जैनमन्दिर भी थे जो अभी जीर्ण-शीर्ण दशा में है। इनमें से एक का चित्र १८८६ में
चिटेक्चर पट अहमदाबाद में प्रकट हुआ था । इस मंदिर का शिखर नष्ट हो गया है परन्तु इसके अति विशालमण्डप को देखते हुए वह बहुत उन्नत और पिरामिड के आकार का होना चाहिए । मण्डप के स्तम्भ और उसकी कारीगरी अतिशय सुन्दर है ।
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(६) अंकाई की गुफाएँ: - यह स्थान येवला तालुका में है । यहाँ दो पहाड़ियाँ साथ मिजी हुई हैं। भूमि से ३१४२ फीट ऊँची हैं। अंकाई की दक्षिण दिशा में जैनों की ७ गुफायें हैं, जिनमें कोरगी का कार्य अत्यन्त सुन्दर है । पहली और दूसरी गुफा के दो दो मंजिल हैं । जैनमूर्त्तियाँ हैं और शिल्पकला दर्शनीय हैं। शेष गुफाएँ एक मंजिल वाली हैं । जैनमूर्तियाँ और स्तम्भ दर्शनीय हैं ।
(७) बादामी की गुफाएँ - यहाँ की प्राचीन गुफायें बहुत प्रसिद्ध हैं। यहाँ की गुफाएँ प्रायः सब जैनों की ही हैं । यहाँ वर्तमान में भी पार्श्वनाथ और 'महावीर की मूर्तियाँ है । अनेक यूरोपीय विद्वानों ने इनकी शिल्पकला की भूरि २ प्रशंसा की है। विक्रम की छठी या सातवीं सदी के जैनराजा ने ये गुफायें बनवाई थीं।
(८) धाराशिव - वर्तमान में इसका नाम उस्मानाबाद है । वहाँ से २-३ मील पर जैनों की सात गुफाएँ आती हैं जिनमें एक गुफा बहुत विशाल और नक्काशी से रमणीय है । उसमें भगवान पार्श्वनाथ की सप्तफरण वाली मूर्ति शरीर प्रमाण और श्यामवर्ण की है। सब गुफाओं में जैनमूर्तियाँ हैं
(६) एलोरा -- दौलताबाद से १२ मील की दूरी पर यह स्थान है । यहाँ पहाड़ी पर जैनों की ३२-३३ गुफायें है । यहाँ शव और बौद्ध गुफायें हैं। बीच में कैलास मन्दिर है और एक तरफ जैनगुफाएँ हैं और दूसरी तरफ बौद्धगुफाएँ हैं । अनेक विद्वानों ने इस पर बहुत कुछ लिखा है । यहाँ अधिक नहीं लिखा जाता है ।
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