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SSSEजैन-गौरवस्मृतियाँ *Seeg
श्रावस्ती.-फौजाबाद से ६० कोस उत्तर में, वलरामपुर से ७ कोप्स जंगल में १ मील के विस्तार वाले सेतमहेत के किले के बीच में अनोका ग्राम में संभवनाथ भगवान् के ४ कल्याणक का तीर्थ है । यह विच्छेद तीर्थहै। - रत्नपुरी:--फैजाबाद जंकशन से ५ कोस सोहावल स्टेशन से १ मील उत्तर में नोराई गांव है यहाँ धर्मनाथ भगवान के ४ कल्याणक का तीर्थ है। यहां दो जिनालय हैं। - कम्पिलाः-फरकावाद के बी. वी.मीटरगेज में कायमगंज स्टेशन है। .. यहां से ६ मील पर कंपिला तीर्थ है। यहां विमलनाथ भगवान् के ४ . कल्याणक हुए हैं।
शौरिपुर:-यह नेमिनाथ भगवान् की जन्मभूमि है। श्रागरा से मील पूर्व में बटेश्वरग्राम है। यहां से दो मील. दूर यमुना के किनारे शौरिपुर तीर्थ है । टेकरी पर मंदिर है। यहां पहले सात जिनालय थे। . ..
मथुरा:-यह कल्पद्रुमपार्श्वनाथ, नेमिनाथ तथा वीरप्रभु का तीर्थ है। जम्बूस्वामि की निवाणभूमि है। राजमती की जन्मभूमि है । यहां .. कंकाली टीला है जहां से विपुल पुरातत्व सामग्री प्राप्त हुई है। जैनस्तूप श्रीर जैनमूर्तियां यहां प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हुए हैं।
हस्तिनापुरः--यह शान्तिनाथ, कुन्थुनाथ और अरनाथ तीर्थकर के च्यवन, जन्म, दीक्षा और केवल कल्याणक की पवित्र भूमि है। यहां से मील पर ऋपभदेव की पादुका कही जाती है। वहां भगवान के वार्षिक तप । का पारणा हुआ होगा। अभी एक जिनालय है। प्रयाग:
यह अपभदेव भगवान् की केवल कल्याणक भूमि है। इसका प्राचीन नाम "पुरिमताल पाटक" है । यहाँ अक्षय वट के नीचे जिनपादुका थी जिसे १६४८ में उत्थापित कर शिवलिंग की स्थापना कर दी गई थी। अभी वट के नीचे शिलालेख रहित पादुका है। कहा नहीं जा सकता है कि यह किसकी है। यहाँ एक जिनालय है परन्तु उसमें मूर्ति नहीं है। . कोशाम्बी:-
.. भरवारी स्टेशन से २० मील पर यमुना के किनारे कोसम इनाम