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४ पड्जीवनिका
( गद्य विभाग )
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श्रमण जीवन की भूमिका में प्रवेश करने वाले साधन की योग्यता कैसी और कितनी होनी चाहिये ! श्रमण जीवन की प्रतिज्ञा के कठिन मतों का संपूर्ण वर्णन - उन्हें प्रसन्नता पूर्वक पालने के लिये जागृत वीर साधक की प्रबल अभिलापा |
( पद्य विभाग )
काम करने पर भी पापकर्म का बंध न होने के सरल मार्ग का निर्देश - अहिंसा एवं संयम में विवेक की आवश्यकता ज्ञान से लेकर मुक्त होने तक की समस्त भूमिकाओं का क्रमपूर्वक विस्तृत वर्णन - कौनसा साधक दुर्गति अर्थवा सुगति को प्राप्त होता है - साधक के आवश्यक गुण कौन २ से हैं ?
५ पिण्डैपणा
( प्रथम उद्देशक )
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भिक्षा की व्याख्या भिक्षा का अधिकारी कौन ? भिक्षाको गवेषणा करने को विधी - किस मार्ग से किस तरह आगनन किया जाय ? चलने, बोलने आदि क्रियाओं में कितना सावधान रहना चाहिये ? - कहां से भिक्षा प्राप्त की जाय ? किस प्रकार प्राप्त की नाय ? गृहस्थ के यहां जाकर किस तरह खडा होना चाहिये ? निर्दोष भिक्षा किसे कहते हैं १ कैसे दाता से भिक्षा लेनी चाहिये १ - भोजन किस तरह करना चाहिये १ प्राप्त भोजन में किस तरह सन्तुष्ट रहा जाय ?
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