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संयुक्त प्रदेश। श्रीअतिशयक्षेत्र कुरगमा।
यह एक छोटासा ग्राम जिला झांसी खास जी. आई. पी. रेल्वे स्टेशनसे ५ मील पक्की सडक जो कानपूरसे झांसीको आई है वहां है। ग्रामके निकट लाला हरप्रसाद देवकीनंदनका एक वाग है, उस वागमें पक्का कुमां तथा १ तीन दरका पक्का बंगला बौर १ मकान उसी वंगलाके सामने है। मकानके दाहने हाथपर एक मठ है जिसमें मोहरके भीतर सामने १ सितम्बर प्रतिमाजी श्यामवर्ण श्रीमहावीर स्वामीकी ४ फुट ऊंची पद्मासनस्थ विराजमान है, उनके चरणोंके तले सम्बत् १८५१ माघ सुदि ५ खुदा है। दो प्रतिमा श्रीपारसनाथजीकी ४ फुट ऊंची सम्वत् १३४३ फालगुण बदि ९ की श्यामवर्ण पद्मासनस्थ विराजमान है । एक प्रतिमा श्री पारसनाथजीकी श्यामवर्ण२ फुट ऊंची पद्मासनस्थ विराजमान है। तीसरी प्रतिमा श्यामवर्ण महावीर स्वामीजीकी पद्मासनस्थ ३ फुट ऊंची विराजमान है इनके चरणके तले सम्बत् १३४४ फाल्गुन सुदि ११ खुदा है।
इस प्रकारसे १ लैनमें पांच प्रतिमाजी विराजमान हैं।
दूसरी लैनमें एक प्रतिमा श्रीमहावीरस्वामीजीकी पद्मासनस्थ ३ फुट ऊंची सम्बत् १३४३ (महीनेके अंक विगडगये) खुदा हैं। दूसरी प्रतिमा श्रीपारसनाथजीकी श्यामवर्ण ३ फुट उंची अधिष्ठित है।
इस मोहरेमें दो प्रतिमा और खडगासनस्थ अगलवगल श्री पारसनाथजीकी ३ फुट ऊंची विराजमान हैं।
जिन २ प्रतिमाओंपर सम्बत् नहीं है उनको लोग झांसीके चतुर्थकालकी वतलाते हैं।
प्रतिमाजी सर्व अतिमनोज्ञ व दर्शन योग्य हैं, पूजन प्रक्षालका प्रबंध लाला हरप्रसाद देवकीनन्दनजी झांसीवालोंका है।
कौसांबी।
फफोसाजीसे ४ मील वा इलाहावादसे १६ कोस गडवाहा ग्राम है जिसको शास्त्रोंमें कोशाम्बी कहाहै रास्ता गाडीका है ।