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________________ संयुक्त प्रदेश | यहां श्रीपद्मप्रभ स्वामी के गर्भ और जन्मकल्याणक हुए हैं, यह एक पुण्य - भूमि है कि, जहां भगवान् के चार कल्याणक हुए हैं, यहां मंदिरजी और प्रतिमाजी बहुत मनोज्ञ हैं । फफोसा और कोशाम्बीके प्रबन्धकर्ता लाला गुलजारीमलजी इलाहाबादनिवासी हैं। ७० खुरजा । -07 जिला बुलंदशहर में ई. आई. आर. रेलवेके खुरजा स्टेशनसे कसबा तीन ३ मील है । सडक पक्की है घोडागाडी, बैलगाडी आदि सवारी सुगमता से मिलती हैं। इस कसबे कपास, गुड, शक्करका विशेषकर व्यापार होता है। यहां रानीवाले रायवहा दुर सेठ अमोलकचन्दजी रईसके बनवाये हुए लाखों रुपयेकी लागत के जैनमन्दिर हैं । मन्दिर में सुवर्णके चित्राम अच्छे २ बने हैं। यहां दिगम्बर जैनमन्दिरजी तीन शिखरबन्द और १५० गृह हैं जिनमें ५३३ आदमी रहते हैं । इस प्रान्त में यहांसे बढ़कर जैनमन्दिर कहींके नहीं हैं तथा उक्त सेठजीकी ओरसे विद्यालय भी है । यहाँ रानीवाले पंडित मेवारामजी जैनधर्मके अच्छे ज्ञाता हैं । श्रीवृत्तान्तक्षेत्र खूखंदोजी । Dra गोरखपुर से बी. एन. डब्ल्यू लाइनमें नोनवार स्टेशनसे १॥ मील खूखन्दोजी नामक क्षेत्र है जिसका प्राचीन नाम कांकडीनगरी वा किष्किन्धापुर है । यहां पुष्पदन्त स्वामीका गर्भ जन्म कल्याणक हुआ है तथा उन्हीं के नामका प्राचीन मन्दिर है, जिसमें एकही प्रतिमा पद्मासनस्थ विराजमान है । मन्दिर के पूजन प्रक्षालका प्रबन्ध बाबू गुलाबचन्दजी रईस छपरा (सारन) निवासीका है, आपकी तरफसे पूजनप्रक्षालके लिये पुजारी भी रक्खा है । प्रबन्ध योग्य है | गोरखपुर । बी. एन्. डब्ल्यू. रेलवेकी लाइनका स्टेशन और रेलवेका हेड क्वारटर (सदरमुकाम) तथा वर्कशॉप है। यहां हिन्दुओंके प्रसिद्ध गुरु गोरखनाथजीका मन्दिर प्रसिद्ध है रावती नदी के किनारे पर बसा है । 1
SR No.010495
Book TitleBharatvarshiya Jain Digambar Directory
Original Sutra AuthorN/A
AuthorThakurdas Bhagavandas Johari
PublisherThakurdas Bhagavandas Johari
Publication Year1914
Total Pages446
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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