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संयुक्त प्रदेश । कानपूर ।
यह एक बहुत बडा व्यापारके लिये प्रसिद्ध नगर ई. आई. आर., जी. आई.पी., ओ. मार. आर. आदि रेलवे लैन पर है । सन् १८५७ में यहां बडा भयानक गदर हुवा इस वास्ते यह शहर और भी मशहूर है। शहरके अन्दर नहर पक्की बही है जिसके हाकिम आजकल भारतवर्षीय दिगम्मर महासभाके जनरल सेक्रेटरी मुन्शी चम्पतरायजी डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट हैं और गंगानदी भी यहां निकली है । दिगम्बर जैनधर्मावलम्बी पुरुष भी खास शहर जनरलगंज में अधिक निवास करते हैं, यहां सब मिलकर दिगम्बर जैनियोंकी गृह संख्या २७८ तथा मनुष्य संख्या १२५६ है । पंचायती जैन मन्दिर भी जनरलगंज में व्यति सुंदर है जिसमें स्वर्णका काम सच्चावना हुआ है, और ३ मन्दिरजी, १ चैत्यालय भी है । नई सडकके निकट १ दिगम्बर जैन धर्मशाला बहुत बडी है जिसमें यात्रियोंको बडा आराम मिलता है । धर्मशालाकी सफाई और बन्दोवस्तके लिये एक जमादार तथा १ खिदमदगार नौकर है, उसी धर्मशालामें जैनमौषधालय भी है। वैद्यराज पं० कन्हैयालालजी जैन बहुत लायक हैं । जनरलगंज मंदिरजीके पीछे एक दिगम्बर जैन पाठशाला है जिस में विद्यार्थी संस्कृत विद्याका अध्ययन करते हैं। यहां दो सभा भी हैं. । शास्त्रसभामें भी अधिक आनंदकी प्राप्ति होती है । पंडित दुर्गाप्रसादजी अच्छे वक्ता हैं | कानपुर अब व्यापारकी बडी भारी मण्डी है। बीसों कारखाने हैं जिनमें चमडेका सामान बनने तथा ऊनके कपडे आदि बननेका काम मुख्य है. तथा देशी शक्करके भी कारखाने हैं ।
काल्पी |
यह शहर जिला जालौन में जमुना नदीके निकट (G. I. P. Ry ) स्टेशनके पास है. यहां कालपदेवने तपस्या की थी इससे इसका नाम कालपी पडा । यहांसे एक मीलकी दूरी पर यमुना और जोंधरके संगमपर व्यासजीका जन्म हुआ बा इसीसे यह व्यासक्षेत्र कहलाता है । यह पुरानी बस्ती जमुनाके दाहिने किनारे पर है । अकबरके समय यहां शिक्का बनानेका कारखाना था। जैनी भाइयोंके सिर्फ ४ गृह तथा १ शिखरबन्द व १ बिना शिखर मन्दिर हैं ।