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मद्रास प्रान्त ।
वंगलोर शहरके रेल्वे स्टेशनसे ४० मील पश्चिमोत्तर टुमकूरका रेल्वे स्टेशन है। देवराय नामक पहाड़ीके पास मैसूर राज्यमें टुमकूर जिलेका सदरस्थान है ।
टुमकूर कसवा केले, कसइली, नारियल इत्यादि वृक्षोंके कुंजोंसे सघन घट घिरा हुआ है। यहां डिप्टी कमिश्नरकी कचहरीका विशालभवन. इंजीनियर और अमलदारके आ. फिस, मिशन स्कूल, जेलखाना, अस्पताल देखने योग्य हैं। यहां १२० लुहारके घर हैं जिनके यहां लड़ाईके हाथियार और छुरियां बनती हैं। अलावा इसके भांतिकी र पत्यकी मूर्तियां कपड़े और कई तरहके वाजे तैयार होते हैं। प्रति बृहस्तिवारको मेला होताहै । ऐसा प्रसिद्ध है कि मैसूर राजावंशके एक राजाने इस टुमकरको वसाया था।
टुमकूरकी मनुष्यसंख्या अनुमान ११ हजार है. जिसमें दि० जैनियोंके पंचम जातिके .११ घरोंकी ९६ मनुष्य संख्या है । जैनमन्दिर नहीं है।
तिडिवनम् । यह कमिश्नरीका सदर मुकाम व साऊथइण्डियन रेलवेका खास स्टेशन है। तिन्दिनीवनम्का तिण्डिवनम् अपभ्रंश है । जिसका कि अर्थ “इमलीका जंगल" होताहै । __ इस ग्रामकी तहसील भरमें दि० जैनियोंकी मनुष्यसंख्या करीब चार हजार है, परन्तु तिण्डिवनम्में केवल ५ गृह व २५ मनुष्यसंख्या है । दि० जैनियोंका मन्दिर एक भी नहीं है, हालांकि जिंजी' से लाई हुई एक जैनप्रतिमा पद्मासनस्थ नगरके उत्तरकी
ओर एक वीचमें विराजमान है । इस प्रतिमाके मस्तकपर तिगुना मुकुट है. और दो मूर्तियां उसपर चमर द्वार रही हैं । वृत या कोई पवोंके दिनोंमें यहांके जैनीभाई कभी दर्शनपूजनके लिये जाया करते हैं।
स्टेशनपर यात्रियोंको ठहरनेके लिये सराएं और धर्मशालाएं हैं। । पहले यहांपर चमड़ेका तथा कपड़ा बुननका काम अच्छा होता था, परन्तु इस समय कुछ नहीं होता है । केवल 'जाफिरा पेटाई में कुछ बुननेका काम होता है। ।
श्रीक्षेत्र तिरुमलै। उत्तर अर्काट जिलेमें 'साऊथ इंडियन रेल्वे लैनपर पोलूर स्टेशनसे करीब ६ मील वायव्य कोनमें यह प्राचीन क्षेत्र पंच + क्षेत्राम से प्रसिद्ध है । स्टेशनसे मडिमंगलम्
* पंचतीयोंके नाम-दीपनगुड्डी, तिरुनरुनकुतित्कालम् वागम् नामक तानरम्. तिरमले, तित. पारथी कुनलम्, तिरुमले । इनमेंसे तित्मले जो मदरासके पास था कहते है, कि समुदमें डूब गया है । इन तीर्थोका नर्णन तामिळ ग्रन्यमें है जिसको इस समय मदुरा तामिल 'संगम' ने प्रसिद्ध किया है ।