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मध्यप्रदेश । भूगर्भ में था जिसके ऊपर कूडा आदि पड रहनेसे कोई जानता नहीं था, पीछेसे कारणवश मालूम होनेपर देखा गया तो उसमें श्रीशान्तिनाथस्वामीकी विशाल मूर्ति पाई गई । अब सब लोगोंने मिलकर जीर्णोध्दार कारानेका विचार किया है और ३ चैत्यासय भी है। जिसमें अनुमान ३० धर्मशास्त्र हैं। स्टेशनपर बजरियामें व्यापार सब प्रकारका अच्छा होता है । ग्राममें एक प्राथमिक शिक्षणशाला तथा पोस्टआफीस है।
श्रीक्षेत्र बाहुरीबन्द।
श्री शान्तिनाथ महाराज।
यह बड़ा ग्राम सिहोरा तहसीलमें सिहोरा स्टेशनरोड (E. I. Ry.) से १८ मील तथा सलया स्टेशन (G. I. P. Ry.) से १८ मीलके फासलेपर है । यहांकी वस्ती बहुत पुरानी है।
यहां दिगम्बर जैनियोंके टूटे फूटे मन्दिरजी तथा मूर्तियां इधर उधर दिखनेमें आती हैं जिनमें श्रीशान्तिनाथ महाराजकी बहुतही बड़ी मूर्ति १२ फीटको अनुमान ११०० संवत् की है ग्रामकी उत्तर ओर एक बड़ा तालाव है जिसकी नैऋत्यकी दिशामें बहुत पुराना मन्दिरजी होगा ऐसा ज्ञात होता है।
यहां देखने योग्य पिरनपीर अवलियाका चबूतरा बहुत बड़ा है जिसकी मरम्मतके लिये सरकारनें मौजा किसनपट्टन इनाममें दिया है। यहां गुरुवारके दिन बड़ी मन्डी होती है जिसमें लाखों रुपयोंका व्यापार होता है । यहां प्राथमिक शाळा, पोस्ट ऑफिस, और धर्मशाळा है। ग्रामका प्रवन्धकर्ता एक बनिया, कायस्थ और एक ब्राह्मण है।
बाळापुर।
यह नगर प्रान्त वरारका सदर मुकाम है। जैन दिगम्बर आनायके गृह २४ हैं और मनुष्यसंख्या ८० है। यहां पुराने दो दिगम्बर जैन मंदिर हैं उनमेंसे एक मन्दिरजीमें एक भोहरा है जिसमें श्रीआदिनाथ स्वामी प्रथम तीर्थकरकी प्रतिमा चतुर्थ कालकी