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________________ ३०० मध्यप्रदेश | बलदेवगढ़ | २० यह स्थान ओरछा रियासतकी (बलदेवगढ़ ) तहसीलका सदर मुकाम है । यहांपर गवालसागर नामक एक बड़ा तालाब है उसीके एक ओर बहुत बड़ा और मजबूत सुरक्षित किला है जिसमें स्टेटकी कुछ फौज और तोपें रहती हैं । यहां दिगम्बर जैनियोंके २ शिखरबन्द मन्दिरजी और ७ गृह हैं जिसमें ३९ आदमी रहते हैं । यहां पर पान " बिलहरी " किस्मका बहुत अच्छा होता है और सब जगहको भेजा जाता है । बाजनो । 18:0:∞ यह ग्राम विजावर रियासत में विजावरसे नजदीक है। यहांपर " भियाकुंड नामक एक बहुत गहरा कुण्ड है, इसकी विचित्रता देखने योग्य है । पहले एक चौड़ा भूगर्भसा है जिसके ऊपर स्वाभाविक दीर्घ चट्टोना की छत पडी हुई है । उसी छतमें लगभग २० फूट लम्बा चौड़ा एक भाग खुला हुआ है जिसमेंसे भीतरको प्रकाश जाता है। 11 बहुतसी सीढियां तथा दरवाजे पार करते हुए १५-२० फूट नीचे जानेपर बहुत बड़ा मैदान है जिसमें हजारों आदमियों के ठहरने योग्य कोठरियां बनी हुई हैं वहीं पर एक और अत्यन्त गहरा कुण्ड है जिसका जल निर्मल परन्तु दूरसे देखने में काला है । कहते हैं कि इसकी थाह आजतक किसीने नहीं पाई है । प्रतिवर्ष मकर संक्रान्ति के समयपर यहां वहुत बड़ा मेला लगता है जिसमें अधिकाँश व्यापार लोहेके हथियार, वर्तन और कपड़े का हुआ करता है । यहां दिगम्बर जैनियोंके ९ गृह हैं जिसमें मनुष्यसंख्या ६८ है और एक शिखरबन्द मन्त्री भी है । बामोरा । यह ग्राम जिला सागर में खास रेलवेस्टेशन ( इंडियन मिडलण्ड लैनमें ) है | यहां दिगम्बर आम्नायके गृह ४७ तथा मनुष्यसंख्या २०० की है । बमोरा बस्तीमें बहुतायत से दिगम्बर जैन मूर्तियां खण्डित पाई जाती हैं। एक प्राचीन विशाल मन्दिर
SR No.010495
Book TitleBharatvarshiya Jain Digambar Directory
Original Sutra AuthorN/A
AuthorThakurdas Bhagavandas Johari
PublisherThakurdas Bhagavandas Johari
Publication Year1914
Total Pages446
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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