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मध्यप्रदेश। प्याबला।
यह ग्राम रियासत दतियामें है। यहांपर गुंदीलाल सुपुत्र वैशाखिया किशोरीलाल परवारका खाली १ गृह है और १ एक शिखरबन्द दिगम्बर जैन मन्दिरजी है जिसमें मूलनायक श्रीशान्तिनाथ और आदिनाथ स्वामीकी दो प्रतिमायें अतिशय मनोज्ञ और प्राचीन १२ फीट अवगाहनाकी खगासन स्थित हैं । इसके, सिवाय भौहरमें भी श्रीकमठमददलन स्वामी पार्श्वनाथ स्वामीकी प्रतिमा शामवर्ण पद्मासन, ४॥ फीट अवगाहनाकी अतिशय प्राचीन और मनोज्ञ स्थित हैं। कोईभी प्रतिमा खण्डित नहीं है। पूजन प्रक्षाल प्रतिदिन, उक्त महाशय जो झांसी में रहते हैं पूजारी द्वारा अच्छी तरह कराते हैं।
फतेहपुर।
यह ग्राम जिला जवलपुरम दमोह स्टेशनके नजदीक फतेहसिंह आमीलके नामसे प्रसिद्ध है । यहांसे तीन मीलके दूरीपर जटाशंकरका किला संवत १७०० का बना हुआ है किलेसे थोड़ी दूरपर एक दिगंबर जैन मन्दिरजी उजाड़ पड़ा हुआ है। यहांपर पहिले दिगम्बर जौनियोंके २५ गृह थे परन्तु वर्तमानमें केवळ तीन गृह हैं जिसमें १४ आदमी रहते हैं। किलेके एक ओर केवड़े और केतकीके रमणीक उपवन हैं । फतेहपुरमें खिरणी (एक प्रकारका मेवा), कवीला धूरिया जो पँसारियोंके काम आता है, और लाख (Lac). वहुत पैदा होती हैं।
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बदनेरा।
यह कसवा जिला अमरावतीमें जी. आई. पी. रेलवे और अमरावती शाखका जंक्शन है । यहांसे एलिचपुरको नजदीक सड़क गई है । कुन्दनपुर जो दिगम्बर जैनियोंका पवित्र क्षेत्र है वदनेरेसे करीव १८ मील है । नवम्बर और दिसम्बरके वीचमें यहांपर एक बड़ा मेला लगता है और ५००० के करीब लोग उसमें जमा होते हैं यहां: पर दिगम्बर जैनियोंके गृह सिर्फ ११ हैं जिसमें ५० मनुष्य हैं २। शिखरबन्द मन्दिरजी भी है । अमरावती स्टेशन यहांसे ६ मील है।