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मध्यप्रदेश । श्री अतिशयक्षेत्र पपोराजी।
यह स्थान ओरछा स्टेटकी राजधानी टीकमगढ़से ३ मीलकी दूरीपर समस्थल है। आने जानेके लिये सिर्फ ललितपुर (G. I. P. ) स्टेशन नजदीक है। ललितपुरसे वरनपुर होते हुए टिकमगढ तक २७ मील और टीकमगढ़से पपाराजीतक ३ मील पका रास्ता है। श्रीसिद्धक्षेत्र द्रोणागिरसे आनेवाले तथा जानेवाले यात्रियोंके लिये यहांसे २८ मील गाडीका कच्चा रास्ता है। मन्दिर ८२ शिखरवन्द बहुत विशाल वनें हुए हैं। सबसे प्राचीन मन्दिर भोहिरेका है । यह सं० १२०२ विक्रमाब्दमें प्रसिद्ध चन्देलवंशीय राजा मदनवर्मदेवके समयका बना हुआ है, शेष मन्दिरजी वहुत पीछेके बने हैं। कार्तिक सुदी १४ को हरसाल मेला लगता है और पन्द्रह वीस सहस्त्र यात्री एकत्रित होते हैं ठहरनेके लिये धर्मशाळा वन्दैयाजी सवाई सिंघईकी प्रशंसनीय है। ___इस क्षेत्रका प्रबंध टीकमगढ़के पंचोके हाथमें है और उनकी तरफसे पूजारी पूजाके लिये रक्खा हुआ है।
पाटन ।
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यह ग्राम रियासत विजावरकी राजधानी विजावरसे ८ मील दक्षिणकी ओर है। यहांपर दिगम्बर जैनियोंके गृह १८ जिनमें ५३ आदमी रहते हैं तथा एक चैत्यालय भी है।
___ यहाँपर लोहेकी खदानें बहुत हैं। अकबर बादशाहाके सुविख्यात् मन्त्रीबीरबलका जन्म इसी ग्राममें हुआ था ऐसा लोग कहते हैं और इसी कारणसे कोई २ इसे "वीरों-की-पाटन " कहकर पुकारते हैं।
पिण्डरा रोड।
पिण्डरा रोड बंगाल-नागपुर रेलवेका स्टेशन जिला विलासपुरमें पिण्डरा, घाट की चोटी पर वाके है । इसके २५ मील पश्चिमकी तरफ अमरनाथ का बहुत सुंदर