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भगवान् का उत्तर
तुम्हारी माँ ने जो कपड़ा कष्ट उठाकर वुना है, उसे मोटा कहकर न पहनना और गुलाम बनकर ज़री का जामा पहनना, कोई अच्छी बात नहीं है। इससे तुम्हारी कद्र न होगी। गुलाम बनाकर वस्त्र देने वाले जब अपना हाथ खींच लेंगे तव तुम पर कैसे बीतेगी? इसके अतिरिक्त विदेशी कपड़ा मुफ्त में तो मिलता नहीं, फिर गुलाम बनने से क्या लाभ है ?
__ याद रक्खो, हिन्दुस्तान तुम्हारी मातृ-भूमि है। इसका तुम्हारे ऊपर असीम उपकार है । किसी ने ठीक कहा है
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी ।
जो अपनी मातृभूमि को स्वर्ग से भी बढ़कर नहीं मानता, उसे उस भूमि पर पैर रखने का क्या अधिकार है ?
. शास्त्र कहता है-धर्म की आराधना करने वालों पर भी पाँच का उपकार है। उन पाँच में प्रथम पदकाय का उपकार है और पद्काय में भी सर्वप्रथम पृथ्वी का उपकार है। जो पृथ्वी का उपकार नहीं मानता वह कृतघ्न है।
सुना जाता है कि अमेरिका के थौर नामक डाक्टर के शरीर पर साँप रेंगते रहते हैं, लेकिन उसे नहीं काटते । मधु-मक्खियाँ उसके शरीर पर बैठती रहती हैं, लेकिन उसे नहीं काटतीं । उसने भारतीय साहित्य का अध्ययन करके .योग द्वारा साधना की है । एकवार वह अपने शिष्य के साथ अंगल में गया । शिप्य ने डाक्टर से पूछा--'सव भूमियों में कौन सी भूमि उत्तम है ?' डाक्टर थौर ने हँसकर उत्तर