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भगवान् का उत्तर
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श्री गौतम स्वामी ने भगवान् महावीर स्वामी के समक्ष यह नौ प्रश्न किये । इन प्रश्नों के उत्तर में भगवान 'ने फरमाया
मूल-हंता गोयमा ! चलमाणे चलिए, जाव निजरिज्जमाणे निज्जिएणे । ___संस्कृत-छाया-हन्त गोतम! चलन चलितः यावन्निोर्यमाणो निणः ।
मूलार्थ-हाँ गौतम ! जो चलता है 'वह चला' से लेकर जो निर्जर रहा है वह निर्जरा; (ऐसा कहना चाहिए।)
व्याख्या-भगवान महावीर के सामने गौतम स्वामी ने..' यह प्रश्न किये हैं। इनके संबंध में एक तर्क किया जा सकता है । वह यह है-गौतम स्वामी के विषय में यह प्रसिद्ध है.कि वे द्वादशांगी के प्रणेता हैं । भगवती सूत्र भी इसी द्वादशांगी . के.अन्तर्गत है और इसकी श्रादि में गौतम स्वामी प्रश्न करते. हैं । यह कैसे संभव है ? इसके अतिरिक्त प्रत्येक समझने . और समझाने योग्य विषय को गौतम स्वामी सम्यक् प्रकार.