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________________ श्रीभगवती सूत्र ! ५६२] यस्ती का नाम निगम है। अर्थात् जहाँ माल का आना-जाना बना रहता हो और व्यापार खूब होता हो, वह निगम कहलाता है। राजधानी-जहाँ स्वये राजा स्थायी रूप से रहता हो, वह राजधानी है। ___ खेट-जिस छोटी वस्ती के चारों ओर घूल का कोट हो उसे खेट या खेड़ा कहते हैं। कर्बट-कुत्सित नगर कर्वट कहलाता है। जिसकी गणना न ग्राम में की जा सके, न नगर में ही, वह कर्वट है। जैसे आजकल के कस्बे मडम्ब-जिस वस्ती के समीप दूसरी वस्तीन हो, जिससे दूसरी वस्तियाँ दूर हों, वह मडम्ब है। दूर का अर्थ यहाँ हाई कोस लिया मंया है। द्रोणमुख--जहाँ के लिये जलमार्ग भी हो और स्थलमार्ग भी हो, वह वस्ती द्रोणमुख कहलाती है। . पहन--पाटन । जहाँ देश देशान्तर से आया हुश्रा माल उतरता है, उसे पट्टन कहते हैं। पट्टन दो प्रकार के होते हैंजलपट्टन,और स्थल-पट्टन । जो जल के बीच में या किनारे पर वसा हो वह जलपट्टन और जो स्थल में हो-जहाँ स्थलमार्ग से पाया माल उतस्ता हो, वह स्थल पट्टन है। जहाँ सव प्रकार के हाथी, घोड़े, राय आदि बहुमूल्य पदार्थ विकते हो.. उसे भी पट्टन कहते हैं।
SR No.010494
Book TitleBhagavati Sutra par Vyakhyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShobhachad Bharilla
PublisherSadhumargi Jain Shravak Mandal Ratlam
Publication Year1947
Total Pages364
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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