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अष्टम अध्याय “जैनकुमारसम्भव एक प्रेरणास्रोत" के अंतर्गत इस महाकाव्य का परवर्ती महाकाव्यों पर पड़े हुए प्रभाव का संक्षिप्त परिचय दिया गया है।
नवम्, अध्याय के अंतर्गत इस महाकाव्य में प्रयुक्त कतिपय सूक्तियों का उल्लेख करते हुए शोध-प्रबन्ध का उपसंहार किया गया है।