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________________ ( ...) कामेनेच्छया करणं कामकारः तथाच परानुग्रहार्थ भिक्षामात्रेण ! नतु विधिवशात् यत् करणं तत् कामकार इत्युच्ते । तथाचैवं कृते कर्म णि तत् कृत गुणदोष प्रसक्ती, तत् प्रतिषेधकमेकशाखिन "एषनित्य" इत्यादि पठति । न ह्येतावताकर्मकृत्यधिकार प्राप्तिरितिभावः । "ब्रह्मवेत्ता की इस ब्रह्मज्ञान से ही नित्य महिमा है वह न कर्म से बढ़ता है न छोटा होता है" इत्यादि श्रुति ब्रह्मवेत्ताके कर्मकृत्त गुणदोषों का निषेध करती है। इससे ब्रह्मविद के लिए कर्म करने की आवश्यकता निश्चित होती है। इस पर सूत्रकार कहते हैं कि ब्रह्मवेत्ता कामकार होते हैं, कर्म उनकी इच्छा पर निर्भर होता है। वे परानुग्रह के लिए इच्छामात्र से कर्म करते हैं, विधिवश कोई कर्म नहीं करते, इस प्रकार उनके कर्मकृत गुण दोष कर्म में ही प्रसक्त होते हैं, उनमें नहीं होते। "एध नित्य" इत्यादि श्रुति उक्त तथ्य को ही पुष्टि करती है, केवल इतने मात्र से कर्म करने का अधिकार नहीं प्राप्त होता। अथवा, कामेन कारो यस्य सतथा, तादृशेन कर्मणा प्राप्त वृद्धिह्रासयोः संबंधाभावं ब्रह्मविदि एके पठन्तीत्यर्थः। चकारेण ईश्वर आज्ञया लोक संग्रहार्थ कृतं कर्म समुच्चीयते । “सर्वस्यवशी सर्वस्येक्षान" इति श्रुतेस्तथा । __ अथवा जो कर्म के लिए ही कर्म करते हैं, अतः उन ब्रह्मवेत्ताओं में कर्म से होने वाली वृद्धि और ह्रास का संबंध नहीं रहता यही उक्त श्रुति का तात्पर्य है, तथा "सर्वस्यवशी सर्वश्येशानः" इत्यादि श्रुति के अनुसार वे ईश्वर आज्ञा क लोक संग्रह के लिए ही कर्म करते हैं, ऐसा निश्चित होता है। ... :उपमईञ्च ॥३॥४॥१६॥ अनेन कर्माधिकाराभावे हेत्वन्तरमुच्यते । द्वैतभाने हि यथा कथंचित् कर्मकृति संभावनाय, यस्य त्वखण्डब्रह्माद तभानं ब्रह्मेत्येव, “नत्विदं ब्रह्मेति" सखण्डम् । अत्रोद्दश्यत्वेन 'प्रपंचस्यापि भानात् लखण्डम् । तथा चाखण्डतद्भानं कर्मतदाधिकारादेरुपमदं चैके शाखिनः पठन्ति इति न ब्रह्मज्ञानस्य कर्मशेषत्व संभावनापीत्यर्थः । श्रुतिस्तु, “यत्र त्वस्य सर्वमात्मवाभूत तत् केन पसे श्येत्" इत्यादिरूपा। .. कर्माधिकार के अभाव में दूसरा हेतु प्रस्तुत करते हैं, तभान में तो थोड़ो
SR No.010491
Book TitleShrimad Vallabh Vedanta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVallabhacharya
PublisherNimbarkacharya Pith Prayag
Publication Year1980
Total Pages734
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationInterfaith, Hinduism, R000, & R001
File Size57 MB
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