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________________ मासादिवदेषां समुच्चय उत् फलविकल्प इति ? तत्र विधिफलयोः समानत्वात् समुच्चय इति प्राप्ते निर्णयमाह-उपासनायां विकल्प एव, तत्र हेतुरविशिष्टफल. त्वात् । मुक्तिफलकत्वं हि सर्वेषामुपासनानामविशिष्टम् । एवं सत्येकेनैव तत्सिद्धावपरस्याऽप्रयोजकत्वादग्निहोत्र आदिवन्नित्यता बोधक श्रुत्यभावात्तदथिनो विकल्प एव । उपासना पृथक्-पृथक् करनी चाहिए, यह तो निर्णय हो गया अब विचार करते हैं कि-अग्निहोत्र, दर्श पूर्णमास आदि की तरह इन अवतारों की उपासना का फल भी एक ही होता है, या फल भी पृथक्-पृथक् होता है विधि और फल दोनों में ही समानता की जाय तो यज्ञादि में जैसे पृथक् विधि होते हुए भी फल' में एकता है, उसी प्रकार इन उपासनाओं में भी मानना चाहिए । इस विचार पर निर्णय देते हैं कि-उपासनाओं में विकल्प है, फल सभी का सामान्य रूप से मुक्ति ही है वैसे विशिष्ट आराधना का विशिष्ट फल भी है। एक उपासना को सिद्धि का दूसरी में कोई प्रयोजन नहीं होता, अग्निहोत्र आदि की तरह, उपासना के लिए, कोई नित्यता बोधक श्रुति नहीं है, उसके फल में विकल्प का ही उल्लेख है। २२. अधिकरण : काम्यास्तु यथाकामं समुच्चीयेरन्न वा पूर्व हेत्वभावात् ।३।३।६०॥ येषु तूपासनेषु भिन्नानि फलान्युच्यन्ते, तत्रत्वनेक फलार्थिनस्तत्तत्फलकोपासनानि समुच्चीयेरन विशिष्टफलत्वाभावात् । यत्र त्वेकस्यैवोपासनस्य स्वकामितानेकफलकत्वं श्रूयते, तत्र तथैव चेदुपासनं करोति तदा न समुच्चीयेरनपि । स्वकामितेष्वेकतरस्य तदन्यफलवैशिष्ट्येनाविशिष्टफलत्वाभावादिति पूर्वहेत्वभावादतिश्लिष्ट प्रयोगाभिप्रायेणोक्तमिति ज्ञेयम् । अथवा कामक्ये नियतफलकानितानि न समुच्चीयेरन् । अत्र हेतुः स्पष्टः।। जिन उपासनाओं में भिन्न फल का उल्लेख है, वहाँ अनेक फलार्थी, उन उन फलों की आकांक्षा से उपासना करते हैं, उनमें विशिष्ट फल ही प्राप्त होता है । जहाँ एक की ही उपासना में अपनी अभीप्सित अनेक कामनाओं की प्राप्ति की बात कही गई है, बहाँ उसी प्रकार की उपासना का विधान भी बतलाया गया है । अपनी अभीप्सित एक कामना का फल अन्य से विशेष होता है, उसमें सामान्य फल नहीं होता, इस प्रकार की उपासना में अति क्लिष्ट
SR No.010491
Book TitleShrimad Vallabh Vedanta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVallabhacharya
PublisherNimbarkacharya Pith Prayag
Publication Year1980
Total Pages734
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationInterfaith, Hinduism, R000, & R001
File Size57 MB
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