________________
बिम्ब ऋषभदेवजीके पद्मासनादिके आकारसे स्थापन कर लिया तथा कागज आदिक पर चित्रोंमें लिख लिया सो स्थापना निक्षेप यह ऋषभदेवजीवाले गुण करके रहित जड़ पदार्थ है ताते निरर्थक है॥
(३) द्रव्य, यथा भाव गुण सहित पूर्वोक्त शरीर अर्थात् संयम आदि केवल ज्ञान पर्यन्त गुण सहित शरीर सो द्रव्य ऋषभदेव कार्य साधक है।
(३) द्रव्य निक्षेप यथा पूर्वोक्तजाणग शरीर भविय शरीर अर्थात् अतीत अनागत काल में भाव गुण सहित वर्तमानकालमें भावगुणरहित शरीर अर्थात् ऋषभदेवजीके निर्वाण हुए पीछे यावत् काल शरीरको दाह नहीं किया तावत् काल जो मृतक शरीररहा था सो द्रव्यनिक्षेप