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( ८ ) है और उसहीमें पर्याय अर्थ भी घटे ह यथा इन्द्रपुरन्दर,वज्रधरसहस्रानन,पाकशासन परंतु उस गूजरके बेटे ग्वालिये में नहीं घटे अर्थ शून्य होनेसे वह तो मोहगयेली माताने इन्द्र नाम कल्पना करली है तथा किसीने, तोते का तथा कुत्तेका नाम ऐसे जीवका नाम इन्द्र रख लिया तथा अजीव काष्ठ स्थम्भादिकका नाम इन्द्र रख लिया वस यह नामनिक्षेप गुण और आकारसे रहित नाम होता है कार्य साधक नहीं होता॥ ___ २ स्थापना निक्षेप यथा काष्ठ पीतल पाषाणादिकी इन्द्रकी मूर्ति बनाके स्थापना करली कि यह मेरा इन्द्र है फिर उसको बंदे पुजे उस से धन पुत्र आदिक मांगे मेला महोत्सव करें परंतु वह जड़ कुछ जाने नहीं ताते शून्य है