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( १४७ ) जानना भलानहींजाननाइति।अव कहो पाषाणोपासको मूर्ति पूजा के निषेध करने में इस पाठमें कुछ कसरभीछोड़ी है, जिसकेउपदेशकों को भी अनंतसंसारी कह दियाहै, ३ और लो तृतीय विवाहचूलिया सूत्ररवांपाहुडावांउद्देशा __ अनुमान में ऐसा पाठ सुना जाता है।
कइविहाणं भंते मनुस्तलोएपडिमा पपणन्त गोयमा अनेग विहा पण्णता उसमादिय वद्ध माण परियंते अनीत अगागए चौवीसं गाणं तित्थयर पडिमा, राय पडिमा, जक्ख पडिमा, भूत पडिमा, जाव धूमकेउपडिमा.जिन पडिमा, गंभंतेवंदमाणे अच्चमाणे हंता गोपमा वदमाणे अच्चमाणे जइणं भतेजिन पडिमाणं वंदमाणे अच्चमाणे, सुय थम्म चरित धम्मं लभेजा गोयमा णोणटेसमटे सेकेणटेणंभंते एवंवुच्चइ