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विस क्षेत्र विकास। समानुसार नोंने वेशपाक' नामक बाबा, बिले वैश्य, नगर-पणिक, वणिज, पाणि, व्यापारी, रुस, तृतीयानि, समातीयमेदव. उत्तरापथनगरेश्वर, देवतोपासक नादिशब्दों का विस्ता विवेचन करके यह सिद्ध किया था कि गेग कोमरिसे मिला। काबीके एक शिकाखमान शब्दों का प्रयोगमा थाविमानगरको
मन वार्ता और व्यापारिक समृद्धिको बा एनकर बहुतसे नारी मन मानसे वहां पहुंचे थे। उस और दक्षिणक व्यापारियों का मतभेद उपस्थित हुमा, तब देवरायने उसका निर्णय करने के लिये मल्लिनायसरिको नियुक्त किया था। और नोंने बत करके उपर्युक पुस्तक लिखी थी।' समाज शासके इति लिए यह पुस्तक महत्वपूर्ण है। विजयनगर साट्ने देशको हराकर ma बनानमें बैन न सही विद्वानों का सहयोग पास किमा इससे स्पष्ट है कि देवराय पूजाके सुख-दुसका गगनलमा विदेशोंसे व्यापार करनेकी विषाय उसने व्यापारियों को दी थी। परम भोर ईरानके अतिरिक्त पुर्तगासे भी नापार सम्बंध स्थापित किये थे। हाशितः देवायके शासनकाल में देश विशेष समृदिशाम पमा था.'सन् १११६१० देवकी मृत्यु क्या हुई, Raran सदी मत होगया। उसके पश्चात् संगसकी पनाति मामला
मल्लिकार्जुन विवाद देवरा पयत् उसके दोनों पु
तिकानुन और दिल्याने सन् १९१0.00 HAMPIONS
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