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१४८] संचित न इति । मंदिर बोम्महिने बनाया था, जिनकी मूर्ति भी बनी हुई है।
(६) हुम्युचा नवा विश्वनागपुर भी दक्षिणमासमें प्रमुख मैन केन्द्र था। इसे जिनदतराबने बसाया था। वहांकी पार्धनाव बस्ती भोर पयावती बस्ती नामक प्राचीन मंदिर पुनः १६ वी शाब्दी में प्रेनाइट (Granite ) पापाणके केादि-शैलीके बने हुये अन्दर है। पंरकूटपन्ती' मंदिर इनसे प्राचीन द्राविड़ शैकार, विसको सन् १०७७ में बलदेवीने बनवाया था। उसका नामकरण 'वीं तिलक मर्वात पृथ्वीका गोरख (Glory of the world) उसकी महानता स्वयं प्रगट करता है। किंतु इस समय इस मंदिरा सुन्दर मानवंम तोरणद्वार, विशालकाय द्वारपाक और कतिपय जिनेन्द्र मतियां ही शेष है। स मंदिका पुनः वीर्णोद्वार हो चुका है। पर्वतार मी न कलाकी वस्तुयें।।'
(७) कम्बदल्लीकी पंचकूटवस्ती एवं अन्य जैन मंदिर की बल्लेखनीय है । वहाँका मानधम बहुत ही सुन्दर कामबार पनिमको कामोर गाँवका नाम भी इस स्थपकी अपेक्षा कम. बाली पड़ा है। (The pillar is one of the elegant in the stato and has given the village its name. ASM.,-1989, p. 10) पतिनाव
होस बीती 3-lbid, 1936. pp. 38-39. " The finest architectural piece in the neaple in the Kanasthnmblea in front...bone old piller is the Mysore state.
. . . . . . . 1-ASM. 1929, . १९९% e0-10८.