________________
[ ६ ]
अध्यक्ष जैन सिद्धांतभवन, बारा गौरोफेसर आभारी है कि जिन्होंने
की थीं।
हमारे मित्र श्री० [मलचन्द किसनदास कापड़ियाजी इस खंडको भी ववत् प्रकाशित करके " दिगम्बर जैन " के ग्राहकोंको उपहारमें रहे हैं. और इस प्रकार इसका सहज प्रचार कर रहे है । एतदथ हम उनके आभारको भी नहीं भुला सकते।
अलीगंज (एटा) दिनांक १२-४-५०
ए. सांधवे बम्बईके साहित्यिक पुस्तकें भेजनेकी कृपा
}
विनीत
कामताप्रसाद जैन |
।