________________
११:
विधि कि वन्दना करने से क्या होगा ? हम उन्हीं कर्मों को नमस्कार करते हैं कि जिन पर विधाता का भी प्रजवत्व अर्थात् जोर नहीं है.
और कई लोग दुःख दर्द में ऐसे कह देते है कि, 'मर्जी ईश्वर की' ! सो यह जी एक पर्यायवाची कर्म ही का नाम है; यथा ' नाम माला' तथा ' लोक तत्व निर्णय :
श्लोक.
विधिर्विधानं नियति: स्वभाव: । कालो यहा ईश्वर कर्म देवम् ॥ जाग्यानि कर्माणि, यम. कृतांत |
पर्याय, नामानि पुराकृतस्य ॥ अर्थ - १ विधि (विधना ) १ विधाता, विधान, ३ नियतिः ( होनहार ) ४ स्वभाव, ५ काल, ६ ग्रह, ईश्वर, कर्म ए देव, २० भाग, ११ पुण्य. १२ यम, १३ कृतान्त, यह