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दि हैं, तो फिर ईश्वर किस वस्तु का कर्ता हुआ ?
गुरु:-ईश्वर बनती दी बना सकता है.
शिष्यः--बनती का बनाना तो काम अल्पज्ञों का और सामान्य पुरुषों का होता है.
आरिया बोल उठाः-क्या, ईश्वर अपने आपके नाश करने की शक्ति नी र खता है ?
जैनीहां, हां! जब सर्वज्ञ और सर्व, शक्तिमान् है तो जो चादे सो करे और जा न चादे सो न करे.
गुरुः-अरे भाई! शायद पुद्गल की पर्याय (स्वन्नाव) शक्ति को ही ईश्वर कहते हों, जिस पुद्गल पर्याय का स्वरूप हम आगे लिखेंगे. परन्तु तुम यह बताओ कि, ईश्वर के कर्त्ता न होने में तुम क्या प्रमाण रखते हो?
शिष्यः-यदि ईश्वर का होता तो ई.