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म्ब (साया) पम जाता है तो उसका शीघ्र ही बनाने वाला कोई सिकलीगर नी होगा. अपितु नहीं, यह पदार्थों की पर्याय के स्वभाव (Nature) होते हैं, इस विषय का स्वरूप हम
आगे नी लिखेंगे; परन्तु पूर्वोक्त पदार्थ पर्याय कीखबर के न होनेसे पूर्वोक्त ब्रम पमता दै.अब यह समझना चाहिये कि, क्याश्पदार्थ किस पर्याय में मिलने विडमने का स्वन्नाव रखते हैं; यथा चुम्वक पाषाण(मिकनातीस) और लोहे की सूचः दोनों जम हैं, परन्तु स्वयं (खुद) दी अपने खन्नाव की आकर्षण शक्ति से मिल जाते हैं. . गुरू वद यों कहते हैं कि स्वन्नाव नी. ईश्वर ने ही दिया है.
शिष्यः-सो सिंदों को (शेरों को) शिकार का और कसाईयों को पशुवध का स्वन्नाव किसका दिया मानते होंगे.
शुरू कर्मानुसार कहते हैं...