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(श्री परमेष्ठिने नमः)
श्री ।
सम्यक्त्व सूर्योदय जैन..
अर्थात् मिथ्यात्व तिमिरनाशक. - आरिया (दयानन्दी):-तुम इश्वर ___ को मानते हो वा नहीं ? ....
जैनी:-हां! मानते हैं. . आरियाः--तुम सुनी सुनाई युक्ति से मानते हो वा तुमारे खास मत में अर्थात् किसी मूल सूत्र में भी लिखा है ? .. ., . .जैनी:-मूल सूत्र में जी लिखा है. : . आरियाः-सूत्रों के नाम ? .. .. ' - जैनी:- (१) आचाराङ्गजी, (२) समवायाङ्गजी, (३) जगवतीजी......
आरियाः-इन पूर्वोक्त सूत्रो में ईश्वर