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२३१ वाधवर्ष के लगनग समय से 'आरिया नाम से प्रचलित हुआ है, जिस के कर्ता दयानन्द जी हुए हैं, जिनका प्रसंग कुछ आगे वि. खा जायगा. ___और जैनी आर्यों के ही यह नियम हैं:(१) जीव हिंसा का न करना, (२) असत्यन बोलना और मिथ्या सादी (झूठी गवादी) न देना, (३) चोरी न करना और निक्षेप अर्थात् धरोम का न मारना और राजा कीजगात न मारना, (४) परनारी वा परधन से दिख को मोमना, (५) विशेष तृष्णा का न बढाना और खोटा व्यापार-शस्त्र तथा विष आदि का न वेचना, (६) लोन में आ कर नीच कसाई आदिओं को व्याज पर रुपैया न देना,(3) द्यूत (जूआ) न खेलना,(७) मांस का नखाना, (५) मदिरा पान का न करना, (१०) रात्रि समय भोजन का न करना, (११) कन्दमुख का न खाना, (१२) अन वाना जल न पीना,