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२२३ नाम लेवावे वह नाम ही क्या, और जो सुख सुःख के लोन (लालच) से और नय (खौफ) से नाम लेवे वह जाप ही क्या? यथा किसी पुरुषने आम लोगों से कहा कि तुम मेरा नाम ले एकर मेरी तारीफ करो, मैं तुम्हें लडू दूंगा, अथवा टका दे कर अपने नाम का ढंडोरा फिरवा दिया तो क्या वद उसकी तारीफ हुई वा जाप हुआ? अपि तु नहीं; यद तो खुशामदी मामला हुआ, लालच दे के चाहे कुब ही कहवालो, और किसीने कहा कि तुम मेरी प्रशंसा (बमाई) करो, यदि न करोगे तो मार दूंगा, तब मृत्यु के नय (मर) से नाम लेने लगे, तो क्या वह जाप हुआ? वलवान् (जोरावर) आदमी किसी उर्बल अर्थात् उर्वल पुरुष को धमका कर उससे चाहे कुछ कहा ले. अरे नाई! जो सुख दुःख नहीं देता है, और जो निष्प्रयोजन वीतराग परमेश्वर है उसीको नाम लानकारक (फायदे