SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 8
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ विषय सूची विष १ - सम्यक्त्वको नमस्कार २- सम्यक्त्वका माहात्म्य ३-आत्मस्त्ररूपकी यथार्थ समझ सुलभ है । ४- द्रव्यदृष्टिकी महिमा ५- सम्यक्त्वकी प्रतिज्ञा ६ - अविरत सम्यग्दष्टिका परिणमन ७ - आत्महिताभिलाषीका प्रथम कर्तव्य ८- श्रावकों का प्रथम कर्त्तव्य ६-मोक्षका उपाय- भगवती प्रज्ञा १० - जीवनका कर्तव्य * तीनलोकमें सम्यग्दर्शनकी श्रेष्ठता ११ - कल्याण मूर्ति १२- धर्मका मूल सम्यग्दर्शन है * सम्यग्दर्शनरूपी पवित्र भूमि १३ - सम्यग्दर्शन गुण है या पर्याय १ * सर्व धर्मोंका मूल १४ - हे जीवो ! सम्यक्त्वकी आराधना करो * मोक्ष और बन्धका कारण १५ - सम्यग्दर्शन प्राप्तिका उपाय ( जय अरिहन्त ) १६ - भेदविज्ञानीका उल्लास १७- अरे भव्य 1 तू तत्त्वका कौतूहली होकर आत्माका अनुभव कर * सम्यक्त्वकी धानता ge १ २ ५ m १० १० १५ २० ४१ ४२ ४३ ४३ ४५ ४६ ५० ५१ ५२ ५३ ६७ ६८ १०१
SR No.010461
Book TitleSamyag Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanjiswami
PublisherDigambar Jain Swadhyay Mandir Trust
Publication Year
Total Pages289
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy