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(२४)
विनंती करूं मैं तुमसे । देना जो हमको चावेगा।
बिना ॥ २॥ हमारे दिलकी आसा । पूरो जिनराज हो खासा ॥ हुज़री हुक्म फरमाया। शास्त्र जो यह वतावेगा।
॥ बिना ॥ ३ ॥ असर सोहबतकी आवे। तुख्म तासीर नहीं जावे ॥ जिन्होंकी जैसी है रीती । वही गुणकर बतावेगा।
॥ बिना ॥ ४ ॥ केइ भजे शिव गोपाला.। जिन्होंकेगले रुंड माला॥ विना एक भक्ति जो तेरी। और नहीं पार उतारेगा।
॥ बिना ॥ ५॥ जगतका देव है दूजा। करे पाखन्डकी पूजा ॥ . भूले केइ भर्ममें भोले । पारवो कैसे पावेगा ॥
॥ बिना ॥ ६॥ हीरालाल आपकी आसा । रखे हरदम खुलासा ।।