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महाचंद जैन भजनावली। [३१ ४॥ ऐसे हर्ष देखनेमें बुध महाचन्द्र मति दीली हो ॥ देखो० ॥५॥
(४०) . अरज मोरी एक मानंजो, होजिन जी चमत्कारि महाराज ॥ टेर ॥ तुम तोशिव पुर बास कीनंजी, होजिनजी हम डुवै भवमांहि, तार मोहि दीन जानंजी ॥ होजिनजी ॥१॥ तुम निजरूपी व्हे रहेहो राज होजिनजी, हम पर परिणति लीन करो निजरूप बानंजी ॥ होजिनजी॥ २॥ तुमतो कर्म विनाशियेजी राज हो प्रभूजी हमको करम दुख देत, जन्म जन्मांतरानोंजी ॥ होजिनजो ॥३॥ भव भवमें तुम चरणकी होराज होजिनजी सेबाबुध महाचन्द्रक मांगत सो मिलानजी ॥ होजिनजी ॥४॥ .
(४१) देखो काल बली भव बनमें। नही कछु जीव दया जांके मनमें ॥ टेर ॥ राव रंकसब गिणत एकसे अधिक हीन न. गिणनमें ॥ देखो० ॥१