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स्याद्वादमं.
॥ ९२ ॥
बोध ज्ञानं स व स्वार्थावबोधक्षम एव प्रकाशते स्वस्यात्मस्वरूपस्यार्थस्य च योऽवबोधः परिच्छेदस्तत्र क्षम एव समर्थ एव प्रतिभासते । इत्ययोगव्यवच्छेदः । प्रकाशत इति क्रिययाऽववोधस्य प्रकाशरूपत्वसिद्धेः सर्वप्रकाशानां तु स्वार्थप्रकाशकत्वेन बोधस्यापि तत्सिद्धिः । विपर्यये दूषणमाह । नार्थकथान्यथात्विति । अन्य अर्थप्रकाशनेऽविवादाज्ज्ञानस्य स्वसंविदितत्वाऽनभ्युपगमेऽर्थकथैव न स्यात् । अर्थकथा पदार्थसंवन्धिनी वार्त्ता सदसद्रूपात्मकं स्वरूपमिति यावत् । ( तुशब्दोऽवधारणे भिन्नक्रमश्च स चार्थकथया सह योजित एव ) यदि हि ज्ञानं स्वसंविदितं नेष्यते तदा तेनात्मज्ञानाय ज्ञानान्तरमपेक्षणीयं तेनाप्यपरमित्याद्यनवस्था ततो ज्ञानं ताव| त्स्वावबोधव्यग्रतामग्नम् | अर्थस्तु जडतया स्वरूपज्ञापनाऽसमर्थ इति को नामार्थस्य कथामपि कथयेत् ।
रा.जे.शा.
व्याख्यार्थः–“बोधः” ज्ञान जो है वह “स्वार्थावबोधक्षमः" अपने और पदार्थके जाननेमें समर्थ " एव" ही " प्रकाशते" प्रतिभासता है । [ इस प्रकार यहां अयोगका व्यवच्छेद है ] 'प्रकाशते' इस क्रियापदका प्रयोग करनेसे ज्ञानके प्रकाशरूपता सिद्ध होती है; अतः जैसे अन्य सब प्रदीप आदि प्रकाश अपने और पदार्थके प्रकाशक है उसीप्रकार ज्ञान भी निजखरूप तथा पदार्थ इन दोनोंका प्रकाशक सिद्ध होता है । विपर्ययमें अर्थात् ज्ञानको निजका और पदार्थका प्रकाशक न मानने पर आचार्य 'नार्थकथान्यथा तु' इस वाक्यद्वारा दोषका कथन करते है । "अन्यथा " ज्ञानको अर्थका प्रकाशक माननेमें तो किसीको विवाद नहीं है अर्थात् सभी वादी ज्ञानको पदार्थका प्रकाशक मानते हैं, इसकारण शेष जो ज्ञानका स्वप्रकाशकपना है; उसको यदि न स्वीकार किया जावे तो “अर्थकथा एव" पदार्थसंबन्धी वार्त्ता अर्थात् पदार्थ है वा नहीं है; इत्यादि प्रकारका कथन ही पदार्थके विषयमें न होवे । 'नार्थकथान्यथा तु' यहां पर जो 'तु' शब्द है उसके निश्चय और भेदरूप दो अर्थ होते हैं, उनमें से यहां निश्चय अर्थको ग्रहण करके 'तु' के पर्यायी 'एव' को अर्थकथाके साथ लगा दिया गया है । ] भावार्थ - यहा पर यह है कि, यदि ज्ञानको खसंविदित ( अपनेद्वारा ही अपने स्वरूपको जाननेवाला अर्थात् स्वप्रकाशक ) ॥ ९२ ॥ न माना जावेगा तो वह ज्ञान अपने खरूपको जाननेके लिये दूसरे ज्ञानकी अपेक्षा करेगा और वह दूसरा ज्ञान भी अपने स्वरूपको विदित करनेके लिये तीसरे ज्ञानकी अपेक्षा करेगा तब अनवस्था दोष हो जावेगा । अतः ज्ञान तो अपने खरूपके