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इनमें यौवन तथा काम के उठाव पर स्थित स्वल्प मान वाली सुस्त व्यापार में प्रतिकूल नायिका मुग्धा कहलाती है। '
मध्यम आयु, मध्यम काम और मध्यम मान वाली सुरतकाल में मूर्च्छा पर्यन्त पहुँच जाने वाली मध्या नायिका होती है।' यह धीरा, अधीरा व धीराधीरा भेद से तीन प्रकार कीहोती है। 3 उनमें से प्रिय के अन्यस्त्री सम्बन्धरूप अपराधयुक्त होने पर व्यंग्यपूर्ण ताने देने वाली धीरा, रोते कठोर वचन कहने वाली अधीरा व रोते हुए व्यंग्य तथा कठोर ताने सुनाने वाली धीराधीरा होती है। 4
पूर्णरूप से दीप्त आयु, मान तथा काम वाली तथा प्रिय के स्पर्शमात्र से आनंदातिरेक ते मूर्छित हो जाने वाली प्रगल्भा नायिका कहलाती है। यह भी मध्या के समान धीरा, अधीरा व धीराधीरा भेद से तीन प्रकार की होती है। इनमें से धीरा प्रिय के अपराधी होने पर अपने आकार को छिपाते हुए प्रिय के प्रति आदर प्रदर्शित करती है पर
1.
2.
मुग्धा वामा रते स्वल्पमाना रोह्द्वयः स्मरा।।
वही, 4/21
3.
मध्या मध्यवयः काम-माना मर्च्छान्तिमोहना ।
वही, 4/22 पूर्वाई
एषा च धीरा अधीरा धीराधीरा चेति त्रिधा ।
वही, वृत्ति, पृ. 380
4.
पृ. 380
5. प्रगल्भेदवयोमन्यु - कामा स्पर्शेऽप्यचेतना ।।
वही, 4/22
371
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वही,