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ALPHABETICAL INDEX.
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या सर्वज्ञतया, 1. याचितोऽनवस्नीमच, 97. यथाबोधिः, 430. यथोद्देशमनिर्याणे, 489. यस्य यस्यान, 528.
परिमाणानामा, 172. परोपदेगवेयी, 140. परैरनेयता, 411. पूर्वेण बोधिः, 434. पृष्ठतो गमने, 483. प्रकृतावनिरुद्धायां, 498. प्रणिधानानि, 100. प्रज्ञप्तेरविरोधेन, 148. प्रजया च भवे, 22. प्रज्ञापारमिताटभिः, 19. प्रतिपक्षोऽष्टधा, 102. प्रतिपत्तौ च, 42. प्रत्येक दर्शनाख्ये, 24. प्रयोगे त्रिष, 516. प्रष्टतौ च निष्टतो, 475. मनास्त्रयो, 43.
लक्षणं तत्पयोग, 56l. लक्षणे भावनायां च, 516. लक्ष्यते येन, 326. लभ्यते प्रथमा, 95. ललाटमपरिस्लान, 532. लिडं नस्य, 24.
फलश डिस, 263.
रूपं न नित्य, 283. रूपाद्यायव्ययौ, 52. रूपादिस्कन्ध, 126. रूपादिस्कन्धयन्यत्वे, 269. रूपादिष्वमवस्थानात्, 307. रूपादेरस्वभावत्व, 6l. रूपादेस्तन्निमित्त, 307. रूपादौ तदनित्यादौ, 278. रूपादिभ्यो निष्टत्त्याद्यैः, 405. रूपादिभ्यो निष्टत्तिश्च, 411. रूपादिसज्ञा, 418.
बुद्धमार्गे प्रकृत्यैव, 533 बुद्धसेवा, 258 बुद्धोपासन, 297. बयाद्यालम्बना, 397. बोधिपक्षाप्रमाणानि, 522. बोधिसत्त्वस्य मार्गे, 533. बोधी मन्दर्शना, 493.
भवशान्तिप्रपातित्वात्, 483. भावनेभावने चैव, 508. भूहेमचन्द्र, 33.
वध्यमोक्षसमादान, 528. वर्षत्यपि हि पर्जन्ये, 525. वस्तुज्ञान, 286. विपक्षप्रतिपक्षी, 23. विपर्यासप्रहाणे च, 534. विपाकधर्मतावस्था, 518. विविक्नो बाड़, 247. विशेषः परिणामः, 247. विषयस्त्रितयो हेतुः, 561. विषयोऽस्य, 453. विहारप्रतिषेधच, 418. व्यतिभेदापरिज्ञाने, 534.
मानं स्तम्भ, 97. माराणां शक्ति, 315. माराधिष्ठान, 261. मिथस्त्रिकस्य, 64. मृदुतौहणेन्दियौ, 43. मृदुमदादिको, 264. मृदौ तन्धी, 531. मृष्टान पूर्वते, 531. मूर्धाभिसमयस्त्रिधा, 24. मूर्धगं खपरा, 402. मैयादि, 172.
शमथस्य च, 99. शिक्षाया पपरित्याग, 96. शिष्यासाधारणत्वस्य, 74. शौल कृतज्ञता, 95.