________________
24
ALPHABETICAL INDEX.
मोशशेयधिमार्गस्य, 263. कोशलिगा, 395. क्षयानुत्पादयोः, 496. क्षान्लयस्तेष, 127. क्षान्तिज्ञानक्षपा, 411. क्षान्तिजाम क्षणः, 151. क्षिप्रज्ञान्यून, 357.
विविमोक्षमुख, 99. बिसाहसजमं, 513. वैधातुकाप्रपन्नच, 247. धातुके प्रतिष्ठान, 98.
गम्भौरो भावना, 422. गुरूणामनुयान, 528. गढी गुम्ल्फी, 531. ग्राहकः प्रथमः, 510. ग्राहकः प्रथमो, 486. प्राचार्थकम्पना, 147. पायो चेन्न तथा, 477.
दक्षिणावर्तता, 531. दया दामादिकं, 84. दानशीलक्षमा, 97. दानादिश्चमहकारः, 270. दानादौ षड्विधे, 82. दानेन प्रज्ञया, 517. दौर्धाङ्गलिायत, 527. दृष्टादिप्रतिषेधेम, 272. द्रव्यप्रज्ञप्ति, 71. द्रव्यप्रज्ञप्तिसत्मत्त्व, 477 द्वात्रिशल्लक्षणाशौति, 526. वैविध्यं ग्राह्यकल्पस्य, 67.
चक्राणहस्त, 527. चक्षःष पक्ष, 42. चतुर्णामार्यमत्य, 125. चतुःपक, 474. चिताकौटिल्य, 411. चिमानवलौनत्वादि 72. चित्तोत्यादः परमार्थाय, 31. चिनोत्पादोऽववादश्थ, 20. चित्तातुलन, 423.
धर्मज्ञान, 280. धर्मधातोरसम्भेदात्, 75. धर्मस्य देशना, 95. धर्माथं जीवित, 418 धर्मेष सर्वैः, 397. ध्यानारूप्येष, 83. ध्यामौकरपता, 22. ध्यामीकरणता भाभिः, 123.
जम्बदौपजनेयत्ता, 472. ज्ञानं पुण्यच्च, 84.
मथा कर्माप्यनुच्छिन्न, 533. तथागतस्य, 341. मथनानुपलम्भव, 395. तथतायां मुनेः, 341. नदप्रामाण्यतः, 307 नहाम्भौर्य,271. सनिमित्तानधिष्ठान, 61. नयोमिथः स्वभावत्व, 58. ताचाः स्निग्धाश्च, 531. तुल्याः प्रमाणेऽविरलाच, 528. त्यागः सेवा, 95. विधातुप्रनिपक्षत्वं, 265. त्रिविध स्मृत्यपस्थान, 523.
भवभूमौः, 100 नापनेयमतः, 499. नापरे न परे, 267. निर्वाणग्राह, 173. निर्वेधाङ्गान्यपादाय, 405. निरिः शडिरत्यन्त, 22. निवेशमं ससंक्लेश, 533. निषिहाभिनिवेशय, 395.
पगञ्जमहामार्ग, 33. मोपलम्भलत्, 283.
परप्रत्ययगामित्वे. 483. पराधारंच, 411. परिग्रहेण निर्मुक्त, 283. परिपाक गते, 525.