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मुंबईप्रान्तके प्राचीन जैन स्मारक ।
(२०) शोलापुर जिला ।
इसकी चौहद्दी इस प्रकार है- उत्तरमें अहमदनगर, पूर्वमें निजाम राज्य, अकलकोट राज्य, दक्षिण में बीजापुर और मिरज, पश्चिममें औधराज्य, सतारा, फलटन, पूना, अहमदनगर । यहां स्थान ४५४१ वर्गमील है ।
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यहां सन् ई० से २० वर्ष पहले से लेकर २३० ई० तक शतवाहन या अधवेशने राज्य किया । जिनकी राज्यधानी गोदावरीपर पैथनपर थी जो शोलापुर नगरसे उत्तर-पश्चिम १५० मील है । सुसलमानोंके दखल के पहले यहां क्रमसे चालुक्य, राष्ट्र, पश्चिम चालुक्य व देवगिरि यादवोंने राज्य किया था ।
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यादवों समयकी कारीगरी बावी, मोहाल, मालसिरस, नातेपुते, बेलापुर, पंढरपुर, पुलमेज, कुंडलगांव, कासेगांव तथा मार डेके हेमदपंथी मंदिरोंमें पाई जाती है ।
(१) बेलापुर - पंढरपुरसे २२ मील ग्रामके मध्य में सर्कारवाड़ा प्राचीन मंदिर चालुक्योंके ढंगका है। यह जैन मंदिर श्री पार्श्वनाथ भगवानका है । द्वारके ऊपर आलेमें एक जैनमूर्ति है । मंडपकी छतमें चार खुदे हुए स्तम्भ हैं ।
(२) दहीगांव - दिकसाल स्टे० से २२ मील | यहां श्री महावीरस्वामी के मंदिर हैं अनेक प्रतिमाएं है यहां महतीसागर ब्रह्मचारी होगए हैं उनका समाधिमरणका स्थान है । जैन लोग वार्षिक मेला भरते हैं ।