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६०] मुंबईप्रान्त के प्राचीन जैन स्मारक । चट्टानमें जो जैन गुफा है उसमें भी जैन तीर्थकरोंकी मूर्तियां हैं उनमें मुख्य श्री चन्द्रप्रभ भगवानकी है।
(४) त्रिंगलवाडी-तालुका इगतपुरी--इगतपुरीसे ६ मील । बम्बईसे इगतपुरी ८५ मील है। पहाडीके किलेपर त्रिंगलवाडी गांव है । पहाडीके नीचे १ ज न गुफा है जो पहले बहुत सुन्दर गुफा थी। इसमें बड़ा कमरा ३५ फुट वर्ग हैं भीतरका कमरा व वेदीका कमरा भी है । द्वारके सामने बरामदेकी छतके मध्यमें ५ मनुष्योंके आकार गुलाई में खुदे हुए हैं मध्यकी मूर्तिको हरएक दोनों तरफ मदद दिये हुए है जब कि दो और नीचेको मदद दे रहे हैं द्वारके ऊपर मध्यमें जिनमूर्ति है । कमरेके भीतर इतके चार चौखूटे खंभे हैं । द्वारके ऊपर एक जिन मूर्ति तथा चौखटके ऊपर तीन जिन मूर्तिये हैं । वेदीके कमरे में जो बहुत स्वच्छ तथा १३ से १२ फुट है वेदीके ऊपर भीतके सहारे एक पुरुषाकार जैन मूर्ति है । छाती, मम्तक और छत्र गिर गए हैं पग और आसन रह गए हैं । आसनके मध्यमें वृषभका चिन्ह है जिससे प्रगट है कि यह श्रीरिषभदेवकी मूर्ति है । इसके दोनों
ओर लेख है जिसमें संवत १२६६ है। गुफाके उत्तरकोनेमें भीत पर एक बहुत सुन्दर लेख था । अब उसका थोड़ासा भाग बच गया है । गुफाका अग्र भाग व द्वारके भाग पहले चित्रित थे जिसके चिन्ह अवशेष हैं।
(५) नासिकनगर-बम्बईसे १०७ मील
यहां देखने योग्य स्थान हैं (१) दसहरा मैदान-शहरसे दक्षिण पूर्व ॥ मील (२) पंचवटीके पूर्व १ मीलके अनुनाम पो