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बड़ौधा राज्य।
[ ३५ एक बड़ा मंदिर है जो जैन मंदिरके ढंगपर सन् १८५८में बनाया गया था।
(६) बडनगर-विसाल नगरसे उत्तर पश्चिम ९ मील । यहां दो सुन्दर जैन मंदिर हैं।
(७) सरोत्री या सरोत्रा-सरोत्री टे० से ५ मील यहां कई पुराने जैन मंदिर हैं उनमें बहुतसे छोटे२ लेख हैं । एक बहुत प्राचीन व प्रसिद्ध सफेद संगमर्मर पत्थरका जैन मंदिर है। मध्यमें एक है। चारोंतरफ ५२ मंदिर हैं जो गिरगए हैं। इसकी सर्व मूर्तिये अनुमान ६०के अन्यत्र भेज दी गई हैं ।
(८) राहो-सरोत्रासे उत्तर पूर्व ४ मील यहां प्राचीन सफेद संगमर्मरके जैन मंदिरके ध्वंस भाग हैं । एक बंगलेके बाहर द्वारपर पुराने मंदिरके खंभे भी लगे हैं।
(९) मूंजपूर- पाटनसे दक्षिण पश्चिम २४ मील | यहां प्राचीन इमारत एक पुरानी जमा मसजिद है। जो और गुजराती पुरानी मसजिदोंके समान पुराने हिन्दू और जैन मंदिरोंके मसालेसे बनाई गई है। यहां एक संस्कृतमें शिलालेख है परन्तु पढ़ा नहीं जाता।
(१०) संकेश्वर-मुंजपुरसे दक्षिण पश्चिम ६ मील-यह जैनियोंका प्राचीन स्थान है। यहां श्री पार्श्वनाथनीका पुराना जैन मंदिर है । इसके चारों तरफ छोटे २ मंदिर हैं । एक मंदिरके द्वारपर कई लेख सं० १६५२ से १६८६ के हैं । यह कहा जाता है कि प्राचीन मंदिरमें जो श्री पार्श्वनाथकी मूर्ति थी उसको उठाकर