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________________ राजपूताना । [ ह (७) जैपुर राज्य -- ( जैपुर रेजिडेन्सी) । 'इसमें राज्य जैपुर, किशनगढ़ व लावा शामिल हैं । इसकी चौहद्दी यह है- उत्तर में बीकानेर, पंजाब, पश्चिममें जोधपुर, अजमेर; दक्षिण में शाहपुर, उदयपुर, बुन्दी, ग्वालियर, पूर्वमें करौली, भरतपुर, अलवर। यहां १६४५६ वर्गमील स्थान है । 1 जैपुर राज्य - यहां १११७९ वर्गमील जगह है। यहां रामचंद्रके वंशज कचवाहा राजपूत राज्य करते हैं । पहला राजा वालियर का वज्रदामन था । इसने जैपुर राज्यको कन्नौज राज्यसे ले लिया, आप स्वतंत्र हो गया । ऐसा ग्वालियरके लेख सन् ९७७ से प्रगट है। पहले आंबेर में राज्यधानी थी, सवाई जैसिंह द्वि० आंबेरमें सन् १६९९ में हुआ । इसका मरण सन् १७४३ में हुआ । इसने राज्यधानी आंवेरसे जैपुरमें सन् १७२८ में बदली । यह राजा वैज्ञानिक ज्ञान और कलाके लिये प्रसिद्ध था । इसने बहुतसे गणितके ग्रंथ संस्कृतमें उल्था कराए और ज्योतिषचक्र के दृश्यके मकान जैपुर, दिहली, बनारस, मथुरा, उज्जैन में बनवाए जिसमें इसने डी ० ला हाइर अंग्रेजके ज्योतिष के हिसाबको शुद्ध कर दिया । यह राजा एक अपूर्व विद्वान था । पुरातत्व - आंबेर, वैराट, चाटसु, दौसा, व रणथंभोरकेकिलेमें हैं । यहां ७ फीसदी जैनी हैं । १९०१ में ४४६३० थे ।
SR No.010443
Book TitlePrachin Jain Smarak Madhyaprant Madhya Bharat Rajuputana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalprasad
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year1926
Total Pages185
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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