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________________ राजपूतांना । [ १५१ (४) जोधपुर राज्य ( पश्चिम राजपूताना राज्य रेजिडेन्सी । ) इस रेजिडेन्सीकी चौहद्दी - उत्तरमें बीकानेर, चहाबलपुर पश्चिम में सिरोही । दक्षिण में गुजरात । पूर्वमें मेवाड़, अजमेर, मरवाड़ा व जैपुर | यहां ७ शदी जैनी हैं। इसमें जोधपुर, जैसलमेर व सिरोही राज्य शामिल है जो पश्चिम व दक्षिण पश्चिममें है । जोधपुर राज्य - यह राजपूतानामें सबसे बड़ा राज्य है। यहां . ३४९६३ वर्गमील स्थान है । चौहद्दी - उत्तर में बीकानेर, उत्तर पश्चिम में जैसलमेर, पश्चिममें सिंघ, दक्षिणपश्चिम- कच्छकी खाड़ी, दक्षिण में पालनपुर व सिरोही, दक्षिणपूर्व में उदयपुर, उत्तरपूर्वमें जयपुर । इतिहास - यहां के राजा राठौरवंशी हैं और अपनी उत्पत्ति श्री रामचंदजीसे बताते हैं। राठौर वंशका मूल नाम राष्ट्रकूटवंश है । इस वंशका नाम अशोक के लेखोंमें आया है कि ये लोग दक्षि- ' णके शासक थे । उनका अतिप्रसिद्ध पहला राजा अभिमन्यु ५ वीं या छठी शताव्दीमें हुआ है । राष्ट्रकूट वंशका १९वां राजा जब दक्षिणमें राज्य करता था तब उसको चालुक्योंने भगा दिया । उसने कन्नौड़ में शरण ली, जहां इस वंशकी शाखा नौमी शताब्दीके अनुमान बस गई- उनके सात राजा हुए, सातवें राजा जयचंदको मुहम्मद गोरीने सन् १९९४ में हरा दिया । वह गंगामें डूब गया। इसका पोता श्याहजी सन् १२१२ में राजपूतानामें आकर वसा उसीसे यह राठौरवंशी जोधपुरके राजा हैं । , जोधपुर गजेटियर सन् १९०९ से विशेष इतिहास यह
SR No.010443
Book TitlePrachin Jain Smarak Madhyaprant Madhya Bharat Rajuputana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalprasad
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year1926
Total Pages185
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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