________________
लेखाङ्कः-३७९॥
२१५ (32) [औदार्यप्रभृतिगुणग्राम · " . . . . . . . . इनीयमहा
__ मणिगणरोहणक्षोणी(33) [तलमंड]णगुर्वाज्ञापालनैक . . . . . . . . . • वनीक
तानेकमंडलमहाडंबरपुरस्सर( 34 )- - - प्रतिष्ठप्रतिष्ठाप्रष्ठ - - - - - - - - - क्षी
वशीकरणकार्मणप्राज्यप्रव्रज्याप्रदा( 35 ) - - - - - कर्मनिर्माण - - - - माणभव्य -
जनमनःपवित्रक्षेत्रबोधिवीजवपनप्रधान( 36 ) - - - - - - - - - - - - तिरस्कृतसुधारसवा
विलासराजमानतत्तदेशीयदर्शनस्पृहया( 37 ) - - - - - - - - - - - - - मनोरथप्रथामाथि
___ तकल्पलता प्रवर्द्धनसुपर्चपर्वतायमानविबुधजन( 38 ) - - - - - - - - - - - - - कीर्ति - - -
पुरंदर महोपाध्याय श्री ५ श्रीकल्याणविजयगणिपरिवृत( 89 ) - - - - - - - - - - - - - श्रीइंद्रविहार
प्रासादप्रशस्तिः पं० लाभविजयगणिकृता लिखिता पं०
सोमकुशल ग० णिना] ( 40 ) भइरवपुत्र मसरफ भगतू महमवाल ।