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पल्लीवाल जैन जाति का इतिहास
जैन
मन्दिर था जो
पाली नाम के नगर मारवाड के अतिरिक्त अन्य स्थानो पर भी स्थित हैं। इस नाम का एक प्राचीन नगर उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद के निकट यमुना नदी के किनारे स्थित है। जैनो के प्रसिद्ध तीर्थस्थान कौशाम्बी से पभोसा की ओर जाने पर यह पाली आता है ।" वहाँ पर एक प्राचीन यमुना नदी की बाढ मे बह गया । भग्नावशेष ही नया मन्दिर बन गया है, लेकिन प्रतिमाएं श्रत्यन्त प्राचीन है । वहाँ चारो ओर खण्डहर बिखरे पड़े हैं। कई जैन मूर्तियाँ वहाँ से प्राप्त हुई है । इन बातो से ऐसा लगता है कि यह पाली (उत्तर प्रदेश) एक प्राचीन स्थान रहा है तथा वहाँ जैन लोग बडी सख्या मे रहते थे ।
बाकी है । वहाँ
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पाली नाम का एक अन्य गाँव आगरा जिले की किरावली तहसील के सहाई नामक गाँव के निकट है । इसी नाम का एक अन्य गाँव मध्यप्रदेश के विलासपुर जिले में भी स्थित है। पालीगढ नाम का एक स्थान लखनऊ से 36 किमी दूर खोगघाट के निकट है । पालीताना नामक नगर गुजरात मे स्थित है ही । एक पाला नगर उ प्र के ललितपुर जिले मे भी है ।
इस प्रकार हम देखते है कि पाली नाम के कई नगर विभिन्न क्षेत्रो मे स्थित है । 'पल्ली' नाम के कुछ प्राचीन नगरो का उल्लेख भी मिलता है । 'दत्त पल्ली' नाम का एक नगर ग्यारहवी शताब्दी मे इटावा अचल मे था। इस नगर पर ग्यारहवी शताब्दो से लेकर सोलहवी शताब्दी तक जैन तथा चौहान वशी राजाश्रो का राज्य रहा । 7
'पल्लीवाल जैन इतिहास' की भूमिका मे भी पल्ली नाम के नगरो का उल्लेख है। इनकी प्राचीनता को निम्न प्रमाणो द्वारा दर्शाया गया है - 1 पत्ली में अग्नि का उपद्रव वि स 918, चैत्र शुक्ला द्वितीय को हुआ था । ऐसा एक शिलालेख घटियाला ( जोधपुर मारवाड) से प्राप्त हुआ है। इसी लेख मे प्रतिहार