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पल्लीवाल जैन जाति का इतिहास
15-18 7.बैनीप्रसाद जैन
आप इतिहास तथा राजनीति के एक महान् स्कॉलर थे। आपका जन्म 19 फरवरी 1895 मे हुआ । आपके पिता बरारा (जिला प्रागरा) के रहने वाले थे, लेकिन आपका अधिकाश समय इलाहाबाद मे व्यतीत हुआ । आपने इतिहास में पी एच डी की उपाधि प्राप्त की । आप इलाहाबाद विश्व विद्यालय मे प्रोफेसर के पद पर कार्यरत रहे। आपने अपन क्षेत्र मे बहुत ख्याति अजित कर ली थी। महात्मा गाधी ने भी एक बार प्रापसे देश के सविधान का मसौदा तैयार करने के सम्बन्ध मे परामर्श किया था। आपके द्वारा लिखित 'जहाँगीर का इतिहास' एक महान् कृति है । आपकी अन्य कृतियाँ 'कन्सेप्ट ऑफ पॉलिटिकल साइन्स' 'भारत की पुरानी सभ्यताये', 'इण्डियन सिटीजनशिप' ए वी सी प्रॉफ सिविक्स' तथा 'भारत पाकिस्तान प्रोवलम' हैं। भारत पाकिस्तान प्रोबलम' आपकी अन्तिम कृति है । अपका स्वर्गवास दिनाक 8 अप्रेल 1945 को हो गया। (15-19) सेठ छवामोलाल जी
सेठ छदामीलाल जी ने जैन धर्म को प्रभावना हेतु विपुल धनराशि व्यय करके ऐतिहासिक महत्व के जो कार्य किये हैं, उममे मम्पूर्ण जैन समाज भलि भाती परिचित है। इन्होने धार्मिक कार्यो मे करोडो रुपये की धनराशि देकर एक महान कार्य किया।
सेठ जी के पूर्वज फिरोजाबाद से दक्षिण में लगभग 5 किलोमीटर दूर जमुना के तट पर स्थित चन्दवार नामक गाँव मे निवाम करते थे । ऐसा अनुमान किया जाता है कि सेठ जी के पूर्वज चन्दवार के प्रमुख एव राजमान्य प्रतिष्ठित नागरिक थे। कालान्तर मे चन्दवार उजडने लगा तथा फिरोजाबाद आबाद होने लगा, अत सेठ जी के पूर्वज भी चन्दवार छोडकर फिरोजाबाद आकर रहने लगे।
सेठ जी का जन्म 12 जून 1896 को फिरोजाबाद नगर में