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त
वह
-सुख -माना गया
सुक्ख किउ पि य
जिय
अव्यय (त) 1/1 मवि (सुक्त)1/1 (किन) भूक 1/1 अनि अव्यय अव्यय (तुम्ह) 3/1 म (जिय) 8/1 (मोह) 3/2 (वस) 7/1 (गय) भूक 1/2 अनि अव्यय अव्यय (पाय)भूकृ ।। अनि 'अ' स्वा (मुक्त) !
मोहहिं
वसि
और तेरे द्वारा =हे जीव -प्रासक्ति के कारण =परतन्त्रता मे -डूबा है - इसलिए =नहीं =प्राप्त की गई -परम शान्ति
गया।
तेण ण
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पायउ
मुक्त
मोक्खु
=शान्ति
नहीं =पाता है (पायेगा) हे जीव
पावहि जोन
धरा परिपण
(मोक्ख)211 अव्यय (पाव) व 211 मक (जीव)8/1 (तुम्ह) 1/। म (घ )2.1 (परियण) 2/1 (चित-चिंतन) वकृ 1/1 अव्यय अव्यय (विचित) व 2/1 मक (त) 2/2 म अव्यय
=धन को
नौकर-चाकर को -मन मे रखते हुए =तो
चितु
विचितह
=मन में लाता है -उनको -आश्चर्य
। सम्मान के लिए बहुवचन का प्रयोग किया गया है।
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[ पाहुडदोहा चयनिका