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नेमिनाथ-चरित्र
वसुराजाके पुत्र राजा वृहद्ध्वज राज्य करते थे । वृहदूध्वजः के बहुत दिन बाद उसी कुलमें यदु नामक एक राजा हुआ । उसके शर नामक एक पुत्र था । शूरके शौरि और सुवीर नामक दो पुत्र हुए । यथा समय शौरिको अपना राज्यासन और सुवीरको युवराज पद देकर शूर राजाने दीक्षा ले ली। कुछ दिनोंके बाद मथुराका राज्य सुवीरको देकर शौरि कुशार्च देशको चला गया और वहाँपर उसने शौर्यपुर नामक एक नगर बसाया ।
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शौरी राजाके अन्धकवृष्णी और सुवीरके भोजवृष्णी आदि कई भाग्यशाली पुत्र हुए, जिन्होंने संसारमें बड़ी नामना प्राप्त की । कुछ दिनोंके बाद मथुराका राज्य भोजवृष्णीको देकर सुवीर सिन्धु देशको चला गया और वहाँ शौवीरपुर नामक नगर बसाकर वहीं उसने निवास किया । शौरी राजाने अन्धकवृष्णीको अपना राज्यदेकर सुप्रतिष्ठ मुनिके पास दीक्षा ले लीं और बहुत दिनोंतक जपतप कर वह मोक्षका अधिकारी हुआ ।
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यथासमय भोजवृष्णीके उग्रसेन नामक पुत्र हुआ और अन्धकवृष्णीके सुभद्रादेवी से दस पुत्र हुए जो समुद्र