________________
सोलहबों परिच्छेद
६७७ आहुतीका काम दिया। उसने जयसेनको मारनेके लिये उसपर दस मर्मवेधी वाण छोड़े, जिससे जयसेनकाप्राणान्त हो गया। भाईकी यह अवस्था देखकर महीधर अपने रथसे कूद पड़ा और ढाल तलवार लेकर हिरण्यनाभको मारने दौड़ा, परन्तु हिरण्यनामने दूरसे ही देखकर क्षुरन बाणसे शिर काट डाला। ___ अपने दो भाइयोंकी यह गति देखकर अनाधृष्टिको क्रोध आ गया ! इसलिये वह हिरण्यनाभके सामने आकर उससे युद्ध करने लगा। उधर जरासन्ध आदिक राजा भी भीम और अर्जुनादिक सुभटोंके साथ पृथक पृथक द्वन्द्वयुद्ध करने लगे।
प्रागज्योतिष्कका भगदत्त नामक राजा भी जरासन्धकी ओरसे रण-निमन्त्रण पाकर इस युद्धमें भाग लेने आया था। वह अपने हाथी पर बैठकर महानेमिके सामने आ उठा और उनको ललकार कर कहने लगा :"मैं तेरे भाईके साले रुमी या अश्मकके समान नहीं हूँ। मैं तो नारकियोंका वैरी यस हूँ। इसलिये अब तू सावधान हो जा।"