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दसव परिच्छेद
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इस प्रश्नके उत्तर में एक साधुने कहा :- "ललित और गंगदत्त पूर्वजन्ममें सगे भाई थे । ललित बड़ा और गंगदत्त छोटा था । एकवार वे दोनों गाड़ी लेकर जंगलमें काष्ठ लेने गये बहाँसे गाड़ी में काष्ट भरकर जब वे लौटे, तो मार्ग में एक स्थानपर बड़े भाईको एक नागिन दिखलायी दी। उस समय छोटा भाई गाड़ी हाँक रहा था । इसलिये बड़े भाईने उसे पुकारकर उसका ध्यान उस नागिन की ओर आकर्षित किया और उसे बचा देलेको कहा । यह सुनकर नागिन बहुतही प्रसन्न हुई और उसे उन दोनों पर विश्वास जमगया । परन्तु छोटा भाई कुटिल प्रकृतिका था, इसलिये उसने उसके ऊपरसे गाड़ी निकाल दी। इससे वह नागिन वहीं कुचल कर मर गयी । इस जन्ममें वही नागिन तुम्हारी स्त्री हुई है। वह बड़ा भाई, जिससे उस जन्म में उसकी रक्षा की थी, इस जन्ममें ललित हुआ है और वह अपनी माताको अत्यन्त प्यारा है। छोटा भाई गंगदत्त हुआ है। उसने उस जन्ममें नागिनका प्राण लिया था, इसलिये इस जन्ममें 'उसकी माता उससे वैर रखती है। इस प्रकार हे सेठ !